Rajani katare

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डायरी ---- भाग - 6 हलचल ऐ मई

लेखनी डायरी चैलेंज

विषय- मई
शीर्षक- "हलचल ए मई"

मजदूर वर्ग के लिए यह महिना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्यों कि इस महिने की 1 तारीख को ही
अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है.....
श्रम दिवस भी इसी दिन मनाया जाता है....
पिछले वर्ष तो कोरोना ने कहर मचाया था....
जो इस वर्ष 2021में भी हावी रहा फिर भी कुछ कमीवेशी तो हुई है लेकिन इंसान इसकी दहशत 
से उबर नहीं पाया है.....

हाँ अब यह है कि लोग बचाव के उपाय अपना 
कर हर जगह आ जा रहे हैं.....
कब तक घर मे रहेंगे निकलना तो पड़ेगा ही अपने
काम धाम भी करने पड़ेंगे.....
इसमें सबसे ज्यादा तो मध्यम वर्ग ही पिसा है....
खुद के पास रखा पैसा खत्म.....
कोई काम धाम नहीं.....
बहुतों को नोकरी से निकाल दिया गया.....
बहुतों को आधी पेमेंट दी गयी.....
सरकार की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिल..
गरीब और अमीर के बीच में पिस कर रह गया
बेचारा मध्यम वर्ग का इंसान......
वो कहते हैं न:--
    "दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोई"

अब इस वर्ष वह सम्हलने की कोशिश में लगा
हुआ है...इस माह में मजदूरों को काफी राहत 
मिल गयी.......
8 मई को रेडक्रास दिवस भी मनाया गया इस बार,
हाँ ये है कि अब जो भी कार्यक्रम करे गये भले ही
छोटे रुप में पर कर पाए.......
15 मई को परिवार दिवस भी मनाया गया.....
करीब करीब यह माह ठीक ही रहा.....
 साहित्य जगत में भी हलचल शुरु हो गयी थी...
आॅनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से.....
अब कुछ सामान्य सा होता नज़र आया इंसान...
फिर भी अपना बचाव रखते हुए......
इंसान ने सोच लिया अपने दिमाग में बैठा लिया
अब हमें इसके साथ ही जीना है...।

                  "जीने का जज्बा" 

शबनम की बूंदें, लांई दिल में,
मुस्कुरा कर, जीने का जज्बा,
प्यार अपना, लुटाती सिमटती, 
सूर्य की किरणों में, प्रात की बेला ।

    
🙏🌹जय श्री कृष्णा🌹🙏 
        --:रजनी कटारे:--
          जबलपुर म.प्र.

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